प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को समर्पित यह कविता
यह एक छोटी सी कविता मेरे देश के माननीय प्रधानमंत्री
"श्री नरेंद्रभाई मोदी जी" को समर्पित करता हूं
उठ गए जो कदम अबके,
उसको ना पिछे हटने देना...
कितने भी आए तूफान राहों में,
इस जोस कि आग को ना बुझने देना...
लगी है सब कि आस तुम पे
इस आस को ना टूटने देना...
दि है अपनी कुर्बानी इस देश के विर सपूतों ने
उन कि कुर्बानीओं को तुम व्यर्थ ना होने देना...
घुट रहा हर इंसान आज मंहगाई कि दौर में,
अब उनकी ईच्छाओं का गल तुम और ना घुटने देना...
भ्रष्टाचार और आतंकवाद से आज गुजर रहा है देश मेरा
इनको तुम खतम कर के मेरे देश को तुम बचा लेना...
बहोत लुट लिआ इस देश को इस इस देश के गद्दारों ने,
इनकी हस्ति को मिट कर तुम सबको एक सबक देना...
सुना है मैने कहानीओं में मेरा देश था एक सोने कि चिड़िया
है "प्रविण" कि बस यही गुजारिश "माननीय मोदी जी" से...
कि मेरे देश को आप फिर से वो सोने की चिड़िया बना देने....*
"श्री नरेंद्रभाई मोदी जी" को समर्पित करता हूं
उठ गए जो कदम अबके,
उसको ना पिछे हटने देना...
कितने भी आए तूफान राहों में,
इस जोस कि आग को ना बुझने देना...
लगी है सब कि आस तुम पे
इस आस को ना टूटने देना...
दि है अपनी कुर्बानी इस देश के विर सपूतों ने
उन कि कुर्बानीओं को तुम व्यर्थ ना होने देना...
घुट रहा हर इंसान आज मंहगाई कि दौर में,
अब उनकी ईच्छाओं का गल तुम और ना घुटने देना...
भ्रष्टाचार और आतंकवाद से आज गुजर रहा है देश मेरा
इनको तुम खतम कर के मेरे देश को तुम बचा लेना...
बहोत लुट लिआ इस देश को इस इस देश के गद्दारों ने,
इनकी हस्ति को मिट कर तुम सबको एक सबक देना...
सुना है मैने कहानीओं में मेरा देश था एक सोने कि चिड़िया
है "प्रविण" कि बस यही गुजारिश "माननीय मोदी जी" से...
कि मेरे देश को आप फिर से वो सोने की चिड़िया बना देने....*
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