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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ


आरएसएस...यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ। दुनिया का ऐसा संगठन, जिसकी जितनी आलोचना हुई, उतनी ही उसकी ताकत बढ़ी। छह दशक का धुरविरोधी कांग्रेस शासनकाल भी इस संगठन का कुछ बिगाड़ नहीं सका। वजह है मजबूत काडर। खामोशी से काम करने की कला। दर्जनों अनुषांगिक संगठनों के जरिए विचारधारा को हर दिशा में फैलाने का फुलप्रूफ प्लान। यही वजह रही कि जितने भी आरोप विरोधी लगाते रहे सारे सुबूतों की बिनाह पर धराशायी होते गए। दुनिया के इस सबसे बड़े काडर वाले संगठन को राजनीतिक इकाई भाजपा के जरिए बहुमत से देश की सत्ता तक पहुंचने में करीब सौ साल लग गए। जिससे आरोप विरोधी प्रोपेगंडा के सिवा कुछ नहीं साबित हुए। प्रचार से दूर अपनी खास शैली में कार्य के लिए चर्चित इस संगठन की दुनिया के 40 देशों में शाखाएं चल रहीं हैं। इस बार मंगलवार को आरएसएस का स्थापना दिवस इस मायने में खास रहा कि 90 साल के इतिहास में पहली बार गणवेश हाफ से फुलपैंट में बदल गया। आज के ही के दिन दशहरे को 27 सितंबर को डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की थी। इस समय मोहन भागवत संघ प्रमुख हैं।सिंधु (सिंधु नदी ) से सिंधु (दक्षिण मे हिन्द महासागर ) तक इस विस्तृत मातृ-भूमि को , जो पितृभूमि और पुण्यभूमि स्वीकार करता है , वही ' हिन्दू ' के नाम से जाना जाता है । हिंदुस्तान का हर वो निवासी जो यहां की सभ्यता और संस्कृति में विश्वास रखता है वह हिंदू है। इस परिभाषा के अनुसार हिन्दू ,मुस्लिम, सिख, ईसाई, सवर्ण, दलित, पिछड़े, सब जो इस मातृ-भूमि को पितृभूमि और पुण्यभूमि स्वीकार करते हैं सब हिन्दू हैं। संघ कभी प्रचार के चक्कर में नहीं पड़ता। खामोशी से अपने मिशन को अंजाम देता है। आरएसएस सिर्फ हिंदू धर्म के प्रचार-प्रसार ही नहीं करता। बल्कि उसके साथ सामाजिक गतिविधियों को भी जोड़कर चलता है। आदिवासी बाहुल्य इलाकों के बच्चों को शिक्षा देने के लिए आरएसएस ने संबंधित प्रांतों में सैकड़ों स्कूल खोल रखे हैं। जहां बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जाती है। इससे संघ को अपनी विचारधारा वाली जनरेशन तैयार करने में मदद मिल रही। आरएसएस की ओर से लगभग हर राज्य में सरस्वती शिशु मंदिर नाम से स्कूलों का संचालन किया जाता है। जहां भारतीय संस्कृति से जुड़ी शिक्षाओं का प्रचार-प्रसार होता है। खुद को शिक्षा जैसे सामाजिक सरोकारों से जोड़ने के चलते आरएसएस पर लगने वाले तमाम आरोप टिक नहीं पाते।      (copy-paste किया गया)

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